Alfaaz Shayari
मुझे छूकर एक फकीर ने कहा…
अजीब “लाश” है, “सांस” भी लेती है…
धीरे धीरे कमियां ढूंढो मुझमें,
यूं अचानक से हाथ छोड़ दोगे तो
मुझे खुद से नफ़रत हो जाएगी..!
Alfaaz Shayari In Hindi
Download
उदास ना रहा कर तेरी मुस्कान अच्छी लगती है…. दीदार तो दीदार है तेरी याद भी अच्छी लगती है..!!
वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हूँ मै, उसे क्या पता ओढ़ के चादर रो रहा हूँ मै.
Alfaaz Shayari
सभी तारीफ करते हैं मेरे तहरीर की लेकिन😇
कभी कोई नहीं सुनता मेरे अल्फ़ाजो की सिसकियाँ💔✍️
कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फ़ाज़ ✍️ मेरे
मतलब मोहब्बत में बर्बाद और भी हुए हैं🖤
अब ये न पूछना के मैं अलफ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ,🙂
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के 💙कुछ अपनी सुनाता हूँ।🖤
आँसू मेरे देख के क्यों परेशान है ए दोस्त😊
ये तो वो अल्फ़ाज़ ✍️है जो जुबां तक ना आ सकेे💔
मेरे अल्फ़ाज ✍️ही है मेरे दर्द का मरहम…📝
गर मैं शायर ना होता तो पागल होता…!🙂💯
Alfaaz Shayari Sad
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता ✍️ हूँ, गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ, रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू, मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ 💌लिखता हूँ।💯
काश तुम पढ़ लेते आँखों से अलफ़ाज़ जुबां के मोहताज तो पराये होते हैं।
हम अल्फाजो ✍️से खेलते रह गए, और वो दिल ❣️से खेल के चली गयी।🙂
है अनकहा बहुत कुछ, तेरे और मेरे बीच, मै तेरी ख़ामोशी का, अलफ़ाज़ बनना चाहता हूँ।
सच जानना है तो आसुंओ से पूछो, अलफ़ाज़ अक्सर गुमराह कर देते हैं।
वो कहते हैं, कुछ बोलते नहीं तुम, अब कैसे बताएं उन्हें, जज़्बात तो हैं मगर अलफ़ाज़ नहीं।
बिखरे पड़े हैं दर्द कई तू समेट कर इन्हे अल्फाज़ 💌करदे, जोड़ दे बिखरे पन्ने को मेरी जिंदगी को तू किताब❣️ कर दे।✍️
अनकहे अलफ़ाज़ शायरी हम तो बहुत खास थे ये उनके “अलफ़ाज़ थे”.
प्यार मोहब्बत आशिक़ी ये बस अलफ़ाज़ थे, मगर जब तुम मिले तब इन अल्फ़ाज़ों के मायने मिले।
इज़हार-ए-इश्क़ की खातिर कई अलफ़ाज़ सोचे थे, खुद ही को भूल बैठे हैं हम, जब तुम सामने आये!!
Khamosh Alfaaz Shayari
“तेरी मुस्कान तेरा लहज़ा और तेरे मासूम से अलफ़ाज़, “और क्या कहूं बस बहुत याद आते हो तुम !!
लफ्ज़… अलफ़ाज़… कागज़ या किताब… कहाँ कहाँ रक्खें हम… यादों का हिसाब…..
अलफ़ाज़ तो हमारे लिखे पढ़ लेता था एहसास वो हमारे कभी पढ़ ना पाया।
0 Comments